Not known Details About Shodashi

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The ability place in the middle of the Chakra displays the highest, the invisible, as well as the elusive Middle from which the whole determine Bhandasura and cosmos have emerged.

कर्तुं श्रीललिताङ्ग-रक्षण-विधिं लावण्य-पूर्णां तनूं

काञ्चीवासमनोरम्यां काञ्चीदामविभूषिताम् ।

The Devas then prayed to her to demolish Bhandasura and restore Dharma. She's considered to own fought the mother of all battles with Bhandasura – some Students are with the see that Bhandasura took many forms and Devi appeared in different kinds to annihilate him. Lastly, she killed Bhandasura Along with the Kameshwarastra.

The apply of Shodashi Sadhana is actually a journey to both satisfaction and moksha, reflecting the dual character of her blessings.

यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।

ह्रीङ्काराम्भोजभृङ्गी हयमुखविनुता हानिवृद्ध्यादिहीना

सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥

भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।

She's depicted like a 16-calendar year-aged Woman which has a dusky, purple, or gold complexion and a 3rd eye on her forehead. She has become the ten Mahavidyas which is revered for her elegance and electricity.

यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) click here में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।

The reverence for Tripura Sundari transcends mere adoration, embodying the collective aspirations for spiritual progress and the attainment of worldly pleasures and comforts.

ज्योत्स्नाशुद्धावदाता शशिशिशुमुकुटालङ्कृता ब्रह्मपत्नी ।

In essence, Goddess Shodashi represents the divine prospective within each person, guiding them over a path of interior elegance, knowledge, and spiritual fulfillment. Her existence from the life of devotees conjures up them to seek harmony, practice compassion, and solution daily life with gratitude and humility.

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